वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन सबसे ज्वलंत पर्यावरणीय समस्या बनी हुई है। जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार ग्रीन हाऊस गैसें है। ग्रीन हाऊस गैसों के अन्तर्गत कार्बनडाई आक्साइड, मिथेन, नाइट्रस आक्साइड, ओजोन जैसी गैसें आती हैं। इसमें कार्बनडाईआक्साइड सबसे खतरनाक है। जो देष जितना ज्यादा विकसित है कार्बन उत्सर्जन में उसकी भागीदारी उतनी ही ज्यादा है।
वल्र्ड रिसोर्सेृज इंस्टीट्यूट की एक...
व्यक्ति को सदा से ही अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आय के उचित साधनों की तलाश रहती है। यही कारण है कि ग्रामीण व्यक्तियों ने जब शहरों की ओर पलायन किया तो नगरों का विस्तार होने लगा। परिणाम स्वरूप पूर्व में जो नगर व्यवस्थित रूप से बसे हुऐ थे वहीं वे नगर आधुनिक समय में अव्यवस्थित रूप में बस कर अव्यवस्थित महानगरों का रूप लेने लगे। नगरों एवं महानगरों की इसी अव्यवस्था ने हमारे समक्ष प्रदूषण की...
पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य का अत्यंत घनिष्ठ सम्बन्ध है। आज औद्योगीकरण के दौर में पर्यावरण ही दूषित है तो स्वच्छ भोजन पानी एवं वायु की कल्पना कैसे ही जा सकती है। इसके फलस्वरूप मनुष्य में अनेक रोगों का जन्म होता है। पर्यावरण के मुख्य तत्व भूमि, जल,वायु, वनस्पति एवं प्राणी समूह है।
जल एवं स्वास्थ्य: कल कारखानों का दूषित जल नदी नालों में मिलकर अत्यधिक जल प्रदूषित करता है। प्रदूषित जल पीने से त्वचा...
‘‘स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन का निवास होता है।’’ उत्तम स्वास्थ्य प्रत्येक मनुष्य के लिए अमूल्य निधि है, दीर्घ आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य का अटूट बंधन है। इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी गई परिभाषा सर्वमान्य है -’’ स्वास्थ्य संपूर्ण शारीरिक, मानसिक व सामाजिक निरोगता की अवस्था हैं तथा मात्र बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति को स्वास्थ्य नही माना जा सकता है।’’ अर्थात स्वास्थ्य एक...
विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन की बात लम्बे समय से चली आ रही है, लेकिन विकास चक्र के चलते कहीं न कहीं पर्यावरण की अनदेखी होती आ रही है और ऐसी स्थितियाँ आज हमारे सामने चुनौती एवं सकंट के रूप में है। अनेक संकल्प, वादे, नीतियाँ और कार्यक्रम आदि के क्रियान्वयन के बावजूद भी पर्यावरण चुनौतियाँ हमारे सामने है। मौसम में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव हो रहे है, अधिक बरसात या सूखा पड़ना संयोग नहीं बल्कि पर्यावरण...