CHANGES IN MUSIC COURSES REQUIRED AT PRESENT TIME: IN THE CONTEXT OF SCHOOL EDUCATION SYSTEM
वर्तमान समयानुसार संगीत पाठ्यक्रमों में बदलाव की आवश्यकता: विद्यालयीन शिक्षण प्रणाली के सन्दर्भ में
DOI:
https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v3.i1SE.2015.3405Keywords:
शिक्षा, मानव, आवश्यकताAbstract [English]
Education is a natural process of human life and education has an important place in human life. It is very important for a human being to get education to fulfill the needs of his life. But to get information about a subject only by reading any books can not be considered the full meaning of education, but to remember, contemplate, understand its meaning and use it successfully in life, education in the right way is.
Literal meaning of education - "The Hindi word for education is derived from Sanskrit teaching, which means to learn or to learn. Another word from the same Sanskrit teaching of Sanskrit is also made, which means to teach. Education and teaching in its original sense may have similar meanings, as both words are formed from a single metal, but the term education is now used in the combined sense of both learning and teaching. '
शिक्षा मानव जीवन की एक स्वाभाविक प्रकिया है और मानव जीवन में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। मानव को अपने जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतुु शिक्षा प्राप्त करना अति आवश्यक है। परन्तु केवल किन्हीं पुस्तकों को पढ़कर किसी विषय की जानकारी प्राप्त कर लेने को ही शिक्षा का पूर्ण अर्थ नहीं माना जा सकता बल्कि उस प्राप्त जानकारी का स्मरण करना, मनन करना, उसका अर्थ समझना तथा उसका उपयोग सफलता पूर्वक जीवन में करना ही सही मायनों में शिक्षा है।
शिक्षा का शाब्दिक अर्थ - ‘‘हिन्दी का शिक्षा शब्द संस्कृत की शिक्षा धातु से बना है, जिसका अर्थ है सीख अथवा सीखना। संस्कृत की इसी शिक्षा धातु से एक अन्य शब्द शिक्षण भी बना है, जिसका अर्थ है सिखाना। अपने मूल अर्थ में शिक्षा और शिक्षण के समान अर्थ हो सकते हैं, क्योंकि दोनों शब्द एक धातु से ही बने हैं, परन्तु शिक्षा शब्द अब सीखने और सिखाने दोनों के संयुक्त अर्थ में प्रयोग किया जाता है।‘
Downloads
References
डाॅ0 सरयू प्रसाद चैबे - शिक्षा दर्शन , दि मैकमिलन कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड, दिल्ली, बम्बई, कलकत्ता, मद्रास, 1975, पृ0सं0- 25
कमला भावे - पूर्व प्राथमिक शिक्षण (सिद्धान्त एवं कार्यप्रणाली) हिंदी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1983
लज्जा राम तोमर - भारतीय शिक्षा के मूल तत्व, सुरूचि प्रकाषन, नई दिल्ली, 1984
डाॅ0 पूनम दत्ता - भारतीय संगीत शिक्षा और उद्देष्य, राज पब्लिकेशंस, नई दिल्ली 2005 पृ0सं0- 27
डाॅ0 हुकम चन्द - आधुनिक काल में शास्त्रीय संगीत, ईस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली 1998 पृ0सं0- 202
डाॅ0 सुरेष गोपाल श्रीखण्डे - हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन की शिक्षा-प्रणाली, अभिषेक पब्लिकेशन्स, चण्डीगढ़ 1993 पृ0सं0- 215
स्ंागीत अक्टूबर- 2014, पृ0सं0- 48
स्ंागीत जून- 2003, पृ0सं0- 15
डाॅ0 सुरेष गोपाल श्रीखण्डे - हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन की शिक्षा-प्रणाली, अभिषेक पब्लिकेशन्स, चण्डीगढ़ 1993 पृ0सं0- 216
डाॅ0 राधिका षर्मा - भारतीय संगीत को संस्थानों और मीडिया का योगदान, संजय प्रकाशन, दिल्ली 2010 पृ0सं0- 44
स्ंापादक- डाॅ0 अलकनंदा पलनीटकर - शास्त्रीय संगीत शिक्षा: समस्याएँ एवं समाधान, आदित्य पब्लिशर्स, बीना (म0प्र0) 2000 पृ0सं0- 153
सुभद्रा चैधरी - संगीत संचयन (संगीत और संबद्ध विषयों पर लेखों का संग्रह) कृष्णा ब्रदर्स, महात्मा गांधी मार्ग, अजमेर 1981 पृ0सं0- 18
राज श्री - सांस्कृतिक शिक्षा के उद्विकास में संगीत का योगदान, राधा पब्लिकेशन्स, दरियागंज, नई दिल्ली 2003 पृ0सं0- 468
डाॅ0 पुष्पेन्द्र षर्मा - संगीत की उच्च स्तरीय शिक्षण प्रणाली एक समीक्षात्मक अध्ययन (हरियाणा प्रदेश) ई्रस्टर्न बुक लिंकर्स दिल्ली 1992 पृ0सं0- 102
Downloads
Published
How to Cite
Issue
Section
License
With the licence CC-BY, authors retain the copyright, allowing anyone to download, reuse, re-print, modify, distribute, and/or copy their contribution. The work must be properly attributed to its author.
It is not necessary to ask for further permission from the author or journal board.
This journal provides immediate open access to its content on the principle that making research freely available to the public supports a greater global exchange of knowledge.