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Granthaalayah: Open Access Research Database
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Fundamental of Arts

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View Resource रंगो का सामाजिक परिप्रेक्ष्य

रंग आनंद एवं उत्साह का प्रतीक है। रंगों का मानव मस्तिष्क पर विशेष प्रभाव पड़ता है। रंग किसी भी वस्तु में आकर्षकता एवं वोधगम्यता उत्पन्न करते है। रंग की प्राप्ति का स्त्रोत प्रकाश है। विभिन्न रंगो की पहचान इसीलिए संभव होती है क्योंकि वस्तुएं प्रकाश को परावर्तित यो अभिशोषित करती है। प्रकाश आंखो में प्रवेश करता है। हमारी दृष्टि संवेदना पर क्रिया करता है। इसके कारण प्रकाश की संवेदना उत्पन्न होती है और...

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v2.i3SE.2014.3590
View Resource ‘‘रंगों की अभिव्यक्ति वाराणसी के भित्ति चित्रों में’’

रंग चित्र की आत्मा है, रंगों के प्रति मनुष्य आसक्ति आदिम समय से ही रहा है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में रंगों का प्रचलन बहुत पुराना है रंग हमारे जीवन के साथी, ये हमारे सुखों को इंगित करते हैं। सामाजिक उत्सवांे-पर्वों पर इनकी छठा चारों ओर बिखरी होती है। शुभ कार्य हो या अतिथि आगमन पर प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाई जाती है रंग हमारे जीवन में खुशी एवं ऊर्जा भर देते हैं भारतीय आध्यात्म भी विभिन्न रंगों...

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v2.i3SE.2014.3591
View Resource चित्रकला में रंग - प्रागैतिहासिक काल मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में

चित्रकला को अभिव्यक्तिगत सार्मथ्य प्रदान करने वाले तत्वों में रंग प्रमुख है। चित्रकला में रंग की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। चित्रकार जिस आधारभूत सतह पर चित्रांकन करता है उसमें रंग उसकी पर्याप्त सहायता करते हैं इन्हीं के आधार पर कलाकृति मानसिक सन्तुष्टि प्रदान करती है। रंग का आधार पाकर बनाई गई रचना अपने अभिष्ट को पाने में समर्थ होती है। रंग के माध्यम से चित्रकार अपनी कृति को कोमल बनाता है।...

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v2.i3SE.2014.3592
View Resource भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की रंगमंचीय प्रस्तुति में रंगों का प्रयोग एवं प्रभाव

रंग’ अगर शब्द रूप में देखा जाये तो बहुत छोटा है परन्तु यदि इसे सोचा जाए तो दुनिया की प्रत्येक वस्तु में निहित है। अगर रंग नही है तो हमारी जीवनचर्या का अस्तित्व ही नही है। रंग है तो मानव जीवन का अस्तित्व है। माना जाता है कि सभी रंग मूल रूप से श्वेत रंग से ही बने है और रंगों की संख्या अंगणित है। जो हमारी दैनिक दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है।‘रंग’ जिससे किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आभास होता...

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v2.i3SE.2014.3595
View Resource प्रकृति एवं रंग ;पर्यावरण के संदर्भ मेंद्ध

मानव जीवन और प्रकृति का संबध पृथ्वी की रचना के साथ अटूट रहा है, मानव ने प्रकृति से प्राप्त सभी चीजों का उपभोग अपने जीवनयापन और मनोरंजन के लिये किया है, एक ओर उसे प्रकृति से भोजन, आवास और वस्त्र प्राप्त होता है तो दूसरी ओर प्रकृति के दृश्यों को देखकर और कलाकारों के द्वारा चित्रित कर शान्ति की अदभूत अनुभूति होती है। सर्वप्रथम कलाकारों द्वारा जो चित्र चित्रित किये गये उनमें प्रकृति चित्रण नदी, पेड़,...

https://doi.org/10.29121/granthaalayah.v2.i3SE.2014.3596
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