चित्रकला को अभिव्यक्तिगत सार्मथ्य प्रदान करने वाले तत्वों में रंग प्रमुख है। चित्रकला में रंग की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। चित्रकार जिस आधारभूत सतह पर चित्रांकन करता है उसमें रंग उसकी पर्याप्त सहायता करते हैं इन्हीं के आधार पर कलाकृति मानसिक सन्तुष्टि प्रदान करती है। रंग का आधार पाकर बनाई गई रचना अपने अभिष्ट को पाने में समर्थ होती है। रंग के माध्यम से चित्रकार अपनी कृति को कोमल बनाता है। चित्रकार का बिम्ब-विधान चित्र सुलभ संवेदनशीलता बहुत कुछ रंग पर निर्भर करती है। रंग का प्रयोग जितना संगीत पूर्ण, उचित और सन्तुलित होगा मानव के मानस पटल पर उसका प्रभाव उतना ही गहरा होगा।
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