रंग’ अगर शब्द रूप में देखा जाये तो बहुत छोटा है परन्तु यदि इसे सोचा जाए तो दुनिया की प्रत्येक वस्तु में निहित है। अगर रंग नही है तो हमारी जीवनचर्या का अस्तित्व ही नही है। रंग है तो मानव जीवन का अस्तित्व है। माना जाता है कि सभी रंग मूल रूप से श्वेत रंग से ही बने है और रंगों की संख्या अंगणित है। जो हमारी दैनिक दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है।‘रंग’ जिससे किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आभास होता है। कभी-कभी तो व्यक्ति की छवि ही हमारे मस्तिष्क पर रंग के कारण अंकित हो जाती है। इसी प्रकार हमारे भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की रंगमंचीय प्रस्तुति जिनमें रंगो का प्रयोग बहुत ही खूबसूरती से किया जाता रहा है। रंगमंच पर चाहे वह नर्तक की वेशभूषा के रंग हो अथवा प्रकाश व्यवस्था द्वारा रंगों का समायोजन, रंग ही मिलकर एक प्रस्तुति को पूर्ण करते हैं। अतः रंगमंच प्रस्तुति में रंग अपना एक विशेष महत्व रखते है।
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