Covid-19 has already been written, but now we should get used to living with it because Corona is not going to leave our lives so easily. We should now practice living with it. As soon as the lockdown ends, we have to defend ourselves and our family and at the same time run our business smoothly. Now we should learn how to keep our family away from the corona, and stay unconnected, follow social...
उदयगिरि एवं खण्डगिरि की गुफाएँ मध्यप्रदेश ओड़िशा में भुवनेश्वर के पास स्थित है। ये दोनों गुफाएँ एक दूसरे के सामने लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर दो पहाड़ियों पर स्थित हैं। इनका प्राचीन नाम कुमारगिरि था। यहाँ निर्वाण हेतु निकले हुए वनवासी जैन मुनि तपस्या करने एवं रहने आते। यहाँ कुछ गुफाएँ प्राकृतिक हैं तथा कुछ मानवानिर्मित हैं। गुफाओं में शिलालेख, उत्कीर्ण प्रतिमाएँ आदि इस ओर संकेत करती हैं कि प्राचीन...
संगीत, साहित्य और कला को प्रोत्साहन देने की तोमरवंषी परम्परा के कारण ही ग्वालियर कला के प्रभावषाली केन्द्र के रूप में उभरा इस केन्द्र से एक ऐसी शैली का निर्माण हुआ जो गुजराती परम्परा से भिन्न किन्तु राजपूत और अकबरकालीन मुगलकला दोनों से प्रभावित थी । स्वाभाविक था कि ग्वालियर उस समय कलाकारों का गढ़ बन गया था ।
भारतीय संस्कृति के अध्ययन के पूर्व संस्कृति क्या है यह समझना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। संस्कृति के विषय में ज्ञानार्जन हेतु प्राप्त विभिन्न वर्णनों पर दृष्टिपात करने पर हम पाते है कि संस्कृति शब्द स्वयं में मानव जीवन के अनेक आयामों को समेटे हुए है। मनुष्य के विकास में संस्कृति का सदैव से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संस्कृति के विभिन्न अंग मानव की विभिन्न आवश्यकताओं, इच्छाओं एवं क्रियाकलापों से...
समाज में जब किसी भी सम्वेदनषील कलाकार की सम्वेदनाएं बिखरतीं हैं तब उसके अन्तस में अनेक बिम्ब समाहित हो जातें हैं और जब कलाकार अतिसम्वेदनषील हो तो वो समाज के हर पक्ष में करूणा के भाव को ही अनुभव करता है। भावनाओं के चितेरे वानगो की नियति ही दुःख और पीड़ा थी। इसीलिए वे जीवनभर जगत से करुणा बटोरते रहे और चित्रण के माध्यम से उसे बिखेरते रहे, एक तीव्र छन्दानुभूति से बोझिल उदास मन से वे इसकी अभिव्यक्ति के...