GEOGRAPHIC STUDY OF INDIAN SOILS WITH SPECIAL REFERENCE TO CHHATTISGARH

भारत के मिट्टी का भौगोलिक अध्ययन छत्तीसगढ़ के विषेश संदर्भ में

Authors

  • Sangeeta Kushwaha Department of Geography, Naveen Mahavidyalaya, Umreli Korba, Chhattisgarh-495671

DOI:

https://doi.org/10.29121/shodhkosh.v4.i2.2023.4256

Abstract [English]

The weathered material of the upper layer of fine-grained and mushy metal (regolia) that helps in the origin and growth of plants is called soil. Soil basically contains minerals, particles of rocks, a specific amount of weathered organic matter, soil water, soil atmosphere (air) and bacteria. There is a complex and dynamic relationship between them in natural form.

Abstract [Hindi]

पौधों की उत्पत्ति एवं विकास में सहायक महीन कणयुक्त और घूमस वाले मेटल (रेगोलिय) के ऊपरी परत की अपक्षितित पदार्थ को मृदा कहते हैं। मृदा में मूलतः खनिज, चट्टानों के कण अपक्षयित जैविक पदार्थ की एक विशेष मात्रा मृदा जल मृदा वायुमंडल (हवा) और जीवाणुओं की उपस्थिति होती है। जिनके बीच एक जटिल और गतिज संबंध होता है प्राकृतिक रूप।

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Published

2023-12-31

How to Cite

Kushwaha, S. (2023). GEOGRAPHIC STUDY OF INDIAN SOILS WITH SPECIAL REFERENCE TO CHHATTISGARH. ShodhKosh: Journal of Visual and Performing Arts, 4(2), 3815–3821. https://doi.org/10.29121/shodhkosh.v4.i2.2023.4256