वस्तुओं के धरातल में रंग होने के कारण ही वह हमें दिखाई देती है। धरातलों पर प्रकाश की मात्रा कम व अधिक होने से एक ही रंग की वस्तुएँ अलग-अलग दिखाई देती है। यह विविध रंग हमें सूर्य के द्वारा ही सब वस्तुओं को प्राप्त होता है। सूर्य की किरणों में सात प्रकार के रंग होते है। और उन्हीं के द्वारा ही आकश में इन्द्रधनुष बनता है। रंग एक शक्तिशाली मनोवैज्ञानिक औजार है। हर रंग अलग-अलग प्रभाव छोड़ता है। रंगों का समाज पर बहुत प्रभाव पड़ता है यदि मानवीय जीवन और प्रकृति से रंग निकाल दिया जाय तो इस धरती पर सब सूना-सूना नीरस सा लगने लगेगा रंगों के प्रति हर व्यक्ति की भावनाएँ अलग-अलग होती है।
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