जीवन का समूचा ताना-बाना रंगों से बना है, चाहे हमारे वस्त्र हांे, घर हो, या गाड़ी हो। सबकी पहचान रंगों के साथ है। रंगों का मनुष्य के जीवन और मन पर विशिष्ट प्रभाव होता है। रंग प्रकृति की बहुमूल्य देन है और मानव के जीवन का सौंदर्य भी। उषाकाल की लालिमा, नीलाभ नभ, भूरे पहाड़, तिनकों, पौधों और पेड़ों की हरिताभा, फीरोज़ी समुद्र- सबकुछ विशिष्ट और अद्भुत। मनुष्य और प्रकृति का संबंध भी अटूट है। कभी बसंती पीला तो कभी हरियाला सावन, कभी सिताभ तो कभी तमावृता रात। ऐसे ही मनुष्य की जीवन-यात्रा भी है। कभी सुनहली आशा तो कभी निराशा की कालिमा। मेघाच्छादित आकाश मन को भी धुँधला देता है तो उसे चीरती सूर्य की किरण, सबकुछ स्पष्ट करने वाली। यदि जीवन में रंग न हांे तो बहुत शुष्क और नीरस हो जाए।
Cumulative Rating:
(not yet rated)
(no comments available yet for this resource)
Resource Comments