कोविड-19 महामारी ने आज सम्पूर्ण विष्व को झकझोर दिया है। इस कठिन दौर में व्यक्ति भविष्य को लेकर भयाक्रान्त है, चिन्तित और तनावग्रस्त है। अखबारों में लिखी इबारतें, टी. वी. पर चलती खबरें और व्हाट्सएप्प ज्ञान ने उनकी परेषानी को और बढ़ा दिया है। सामाजिक गतिविधियों से दूर अपने घरों में कैद व्यक्ति को इस अनसोची, अनचाही विपत्ति ने इतना भयभीत कर दिया है कि अच्छा खासा स्वस्थ्य व्यक्ति भी तनाव में आ गया है। हर पल कुछ हो जाने का भय उस पर इस कदर हावी है कि वह तरह-तरह की मानसिक बिमारियों से ग्रसित हो गया है जिसका उसके षारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ा है। ऐसे समय में कलाएं है जो मनुष्य को सुकून प्रदान करती है।
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