भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला लघु उद्योग क्षेत्र विगत कई वर्षो से औद्योगिक रूग्णता का शिकार है। लघु उद्योग क्षेत्र में बड़ती हुई रूग्णता की स्थिति ने आज देश के नीतिनिर्धारकों योजनाओं, नेताओं, उद्यमियों बैंकों एवं विभिन्न वित्तीय संस्थाओं को इसके उपचार के लिए आवश्यक कार्य योजना एवं नीतियाँ निर्धारित करने के लिए मजबूर कर दिया है। अतः आवश्यकता इस बात की है कि औद्योगिक रूग्णता के निवारणार्थ बनाये गये कार्यक्रमों को अपनाने के लिए देश के प्रत्येक बैंक एवं वित्तीय संख्याओं को बाध्य किया जाए तथा इसके लिए एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाए तभी इन प्रयासों की सार्थकता सिद्ध होगी। और लघु औद्योगिक इकाइयाँ रूग्णता से मुक्त हो पायेगी।
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